31.1.15

भाव से विचारणीय विषय



प्रथम भाव : प्रथम भाव से विचारणीय विषय हैं - जन्म, सिर,
शरीर, अंग, आयु, रंग-रूप, कद, जाति आदि।
द्वितीय भाव: दूसरे भाव से विचारणीय विषय हैं - रुपया पैसा,
धन, नेत्र, मुख, वाणी, आर्थिक स्थिति, कुटुंब, भोजन, जिह्य,
दांत, मृत्यु, नाक आदि।
तृतीय भाव : तृतीय भाव के अंतर्गत आने वाले विषय हैं - स्वयं से
छोटे सहोदर, साहस, डर, कान, शक्ति, मानसिक संतुलन आदि।
चतुर्थ भाव : इस भाव के अंतर्गत प्रमुख विषय - सुख, विद्या,
वाहन, ह्दय, संपत्ति, गृह, माता, संबंधी गण,पशुधन और इमारतें।
पंचव भाव : पंचम भाव के विचारणीय विषय हैं - संतान, संतान
सुख, बुद्धि कुशाग्रता, प्रशंसा योग्य कार्य, दान, मनोरंजन, जुआ
आदि।
षष्ठ भाव : इस भाव से विचारणीय विषय हैं - रोग, शारीरिक
वक्रता, शत्रु कष्ट, चिंता, चोट, मुकदमेबाजी, मामा, अवसाद
आदि।
सप्तम भाव : विवाह, पत्*नी, यौन सुख, यात्रा, मृत्यु, पार्टनर
आदि विचारणीय विषय सप्तम भाव से संबंधित हैं।
अष्टम भाव : आयु, दुर्भाग्य, पापकर्म, कर्ज, शत्रुता, अकाल मृत्यु,
कठिनाइयां, सन्ताप और पिछले जन्म के कर्मों के मुताबिक सुख
व दुख, परलोक गमन आदि विचारणीय विषय आठवें भाव से
संबंधित हैं।
नवम भाव : इस भाव से विचारणीय विषय हैं - पिता, भाग्य, गुरु,
प्रशंसा, योग्य कार्य, धर्म, दानशीलता,
पूर्वजन्मों का संचि पुण्य।
दशम भाव : दशम भाव से विचारणीय विषय हैं - उदरपालन,
व्यवसाय, व्यापार, प्रतिष्ठा, श्रेणी, पद, प्रसिद्धि, अधिकार,
प्रभुत्व, पैतृक व्यवसाय।
एकादश भाव : इस भाव से विचारणीय विषय हैं - लाभ, ज्येष्ठ
भ्राता, मुनाफा, आभूषण, अभिलाषा पूर्ति, धन
संपत्ति की प्राप्ति, व्यापार में लाभ आदि।
द्वादश भाव : इस भाव से संबंधित विचारणीय विषय हैं - व्यय,
यातना, मोक्ष, दरिद्रता, शत्रुता के कार्य, दान, चोरी से
हानि, बंधन, चोरों से संबंध, बायीं आंख, शय्यासुख, पैर आदि।


jogasinghwar. Blogaway

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