हाथों की लकीरों में ही इंसान के जीवन-मरण का सारा रहस्य छुपा होता है। जीवन चक्र के इस रहस्य को बताने वाली इस रेखा को ही जीवन रेखा कहा जाता है।
जीवन रेखा कहां होती है? जीवन रेखा का घेराव अंगुठे के निचले क्षेत्र में होता है। यह शुक्र का क्षेत्र माना जाता है। यह रेखा तर्जनी और अंगुठे के मध्य से शुरु होकर मणिबंध तक जाती है। इसका फैलाव एक आर्क की तरह होता है।
जीवन रेखा का फल जीवन रेखा को पढ़ने से ही इंसान
की आयु और उसके जीवन में रोगों आदि का पता चल पाता है।
* जीवन रेखा लंबी,पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के होनी चाहिए।
* अगर जातक के हाथों में जीवन रेखा पर कई जगह छोटी-छोटी रेखाएं कट या क्रॉस कर रही हैं तो यह अच्छी सूचना नहीं देते।
* जीवन रेखा पर अगर कहीं रेखाएं स्टार का निशान बनाएं तो यह रीढ़ की हड्डी से संबंधित बिमारियों की निशानी होती है। सफेद बिंदु आंखो की समस्या को दर्शाता है। जीवन रेखा पर काला धब्बा या तिल या क्रॉस एक्सीडेंट की तरफ इशारा करते हैं। लेकिन अगर यह इन को पार कर जाए तो इसका अर्थ है कि जातक जीवन में परेशानियों से देर-सवेर उबर ही जाएगा।
6.4.15
जीवन रेखा का फल
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