6.4.15

हस्तरेखाओं में भाग्य रेखा

हस्तरेखाओं में भाग्य रेखा (Fate Line inPalmistry in Hindi) को सबसे अहम माना जाता है।
कहां होती है भाग्य रेखा ? (Where is Fate Line in Hand):
भाग्य रेखा हृदय रेखा के मध्य से शुरु होकर मणिबन्ध तक जाती है।इस रेखा का उद्गम अधिकतर मध्यमा या शनि पर्वत से होता है।सीधे शब्दों में समझें तो जो रेखा मध्यमा यानि पंजे की बीच वाली लंबी उंगुली के नीचे से शुरु होकर ऊपर तक जाती है उसे हीभाग्य रेखा कहते हैं। कई जातकों के हाथों में यह मणिबंध यानि
कलाई की रेखाओं तक भी जाती है।
भाग्य रेखा का फल  सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस जातक के हाथों में भाग्यरेखा जितनी
अधिक गहरी और लंबी होती है उसका भाग्य उतना अधिकअच्छा होता है। लेकिन भाग्य रेखा का फीका या कटा होनाअशुभ माना जाता है।
* मान्यता है कि जिस बिन्दु पर भाग्य रेखा को कोई रेखा काटती है उस वर्ष मनुष्य को भाग्य या धन की हानि होती है।
* अगर भाग्य रेखा जगह-जगह से टूटी (Broken Fate Line inPalmisty) हुई हो और शनि पर्वत से मणिबंध तक भी तो भी इसका खास महत्व नहीं होता। टूटी रेखाएं जीवन में भाग्य के समय-समय पर साथ छोड़ देने की निशानी बताएं गए हैं।

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