1.2.15

कब लगती है साढ़ेसाती और किसे कहते हैं ढैय्या?


कब लगती है साढ़ेसाती और किसे कहते हैं ढैय्या?

अक्सर कई बार काफी लोग यह कहते सुने गए हैं कि जब भी हम कभी किसी के पास, जन्मपत्री दिखाने जाते हैं
तो यही कहा जाता है कि आपकी साढ़ेसाती चल रही है
या शनि का ढैय्या लगा हुआ है। हमने तो जब से होश संभाला है ज्योतिषी हर बार कह देते हैं कि शनि चल रहा है।
क्या सारी उम्र हमें शनि ही परेशान करता रहेगा? हम तो तेलऔर काले मांह दान कर-कर के तंग आ चुके हैं।
ऐसी जिज्ञासाएं आती रहती हैं। ज्योतिष में शनि ग्रह
का विशेष स्थान है। जिनकी कुंडली में
शनि की स्थिति अच्छी हो उन्हें साढ़ेसाती में लाभ
भी होता है और हानि भी संभावित होती है।
जिनका शनि खराब है ,उन्हें हानि होने की संभावना रहती है।
जैसे मोदी जी तथा राजनाथ जी साढ़ेसाती के दौरान
ही अपने जीवन की पराकाष्ठा पर देखे जा रहे हैं। भारत के 12 पूर्व प्रधानमंत्री इसी साढ़ेसाती के दौरान इस पद को पा सके।आपके लिए यह जानना आवश्यक है
कि साढ़ेसाती या ढैय्या की गणना चंद्र राशि से होती है, सनशाइन से नहीं। अत: इसके लिए चंद्र
राशि का पता होना आवश्यक है। एक साधारण
व्यक्ति भी अपनी कुंडली से जान सकता है
कि उसकी राशि क्या है ? जन्म पत्री के जन्मांक यानी चार्ट में देखें कि जहां चंद्र लिखा है उसमें कौन सा अंक लिखा है ?
यदि एक है तो मेष, 2 है तो वृष, 3- मिथुन, 4- कर्क, 5-सिंह, 6-कन्या, 7 - तुला, 8- वृश्चिक, 9 - धनु, 10- मकर, 11-कुंभ तथा 12 हैतो मीन।
कब आरंभ होती है साढ़ेसाती?
शनि की साढ़ेसाती तब आरंभ होती है जब चंद्र कुंडली में, जन्म राशि से शनि एक घर बाद में और एक पहले में गोचर वश आ जाएं ।यानी 2-1- 12 भावों में जब शनि आता है तब अढ़ाई-अढ़ाई साल
उस भाव में रहता है । अत: 2 नवम्बर, 2014 से शनि ढाई साल के लिए वृश्चिक राशि में रहेगा। इस नियमानुसार
शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव एक राशि पिछली अर्थात
7वीं तुला और एक अगली राशि 9 वीं यानी धनु पर रहेगा।इसी प्रकार शनि जब 4थे तथा 8वें भाव में आता है तो इसे क्रमश:
चतुर्थ एवं अष्टम ढैय्या कहा जाता है।


jogasinghwar. Blogaway

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