1.2.15

कहीं आपका आशियाना मृत्यु का घर तो नहीं


कहीं आपका आशियाना मृत्यु का घर तो नहीं

प्राचीन ग्रंथों में जीवन जीने का सार बताया गया है। आम जिंदगी से जुड़े बहुत से ऐसे गुप्त रहस्य हैं जिन पर रोजमर्रा की भागदौड़ में हमारा ध्यान नहीं जाता मगर कहीं न कहीं वह हमारे अस्तित्व का हिस्सा बन जाते हैं। मनुष्य अनेक सपने संजोकर अपना आशियाना बनाता है और उस
आशियाने को घर बनाते हैं उसके अपने जिनमें उसकी पत्नी, मित्र व नौकर का खास योगदान होता है। क्या आपने कभी विचार किया है की यह सभी मिल कर कहीं आपके आशियाने को मृत्यु का घर तो नहीं बना रहे।धर्म शास्त्रों के अनुसार पत्नी वेदों को जानने वाली,
चरित्रवान, स्वस्थ, बुद्धिमान और कुलीन होनी चाहिए।
यदि पत्नी का स्वभाव इसके विपरित हो तो जीते जी मृत्यु सा जीवन आपके आशियाने में घर कर लेता है।
घर में नौकर रखने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है मगरआधुनिक युग में घर के लिए नौकर रखना फैशन बन गया है।
किसी भी घर परिवार का सबसे बड़ा भेदी नौकर होता है।यदि आपका नौकर आपके घर को अपना घर समझ कर रहता हो, बिना आपके कुछ कहे ही सभी काम समय पर निपटा लेता हो तो ही उसे घर में रखें अन्यथा नोक-झोंक औरआगे से बोलने वाला नौकर मृत्यु के समान है।
खून से बढ़कर अगर कोई रिश्ता होता है तो वह
दोस्ती का होता है। दोस्ती सिर्फ और सिर्फ विश्वास और
प्यार से भरपूर होती है। जिस तेजी से दुनिया बदल रही है,उसी गति से मानवीय रिश्तों में भी बदलाव आया है। पिछले कुछ सालों में सामने आई फ्रेंड साइटों पर दोस्ती के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं मगर इसके पीछे का सच कुछ और ही होता है।
मुश्किलों में साथ निभाने का वादा करके सामने वाले के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं। ऐसे दोस्तों का घर में आना-जाना मृत्यु के समान है।


jogasinghwar. Blogaway

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