क्या आपको काल सर्प दोष है, जाने और करें उपाय
क्या आपको काल सर्प दोष है, जाने और
करें उपाय.
ज्योतिष् शास्त्र के अनुसार काल सर्प दोष कैसे पहचाने और उस का उपचार कैसे करें. पढ़िए काल सर्प दोष के बारे में.
ज्योतिष् शास्त्र के मुताबिक अगर किसी की कुंडली में सर्प दोष बनता है तो ऐसी योग में उत्पन्न जातक के व्यवसाय, धन,परिवार, संतान आदि के कारण जीवन अशांत हो जाता है.
राहु केतु को छाया ग्रह कहा जाता है. राहु केतु के कारण ही कालसर्प दोष बनता है क्योंकि राहु का नक्षत्र भारणी है.भारणी का स्वामी काल है. केतु का नक्षत्रआश्लेशा है और इस नक्षत्र के स्वामी सर्प है. इसलिए इनके प्रभाव में आते ही काल सर्प दोष कुंडली में बन जाता है.जातक की कुंडली में काल सर्प दोष है या नही, यह हम कैसे पहचाने.सर्प दोष वाले जातक को सपने में सांप दिखाई देना,
पानी देखना, अपने को हवा में उड़ते देखना, अकस्मात मृत्यु तुल्य कष्ट मिलना, कामों में बार-बार रुकावट आनी, विचारों में बार-बार बदलाव कोई भी काम करने से पहले ग़लत सोचना पढ़ाई से मन उचाट होना, नशा करना, यदि इन में से कोई भी लक्षण विद्यमान है तो सर्प दोष विद्यमान है.
इसकी शांति के लिए विद्वान ज्योतिषी ब्राह्मण
को दिखाकर काल सर्प दोष की शांति अवश्य करवाएं. काल सर्प दोष की शांति के लिए वैदिक ब्राह्मण के द्वारा समय समय पर रुद्राभिषेक अवश्य करवाएं.सरल उपाय
1 प्रत्येक संक्रांति को गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव पूरे घर में करें.
2 हर सोमवार को भगवान शिव पर गंगाजल और और गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें.
3 कुत्ते को दूध और रोटी देना
4 गाय और कौओं को घर की पहली रोटियों में तेल छिड़क करखिलाना
5 सोना 7 रत्ती तांबा 16 रत्ती, चांदी 12 रत्ती मिलकर क्यू सांप के आकर की अंगूठी बनाकर अनामिका उंगली में विशेष महूर्त में प्राण प्रतिष्ठा पूर्वक धारण करें.
6 मोर पंख घर में किसी पवित्र जगह पर रखें और रात्रि में सोने से पहले मोर पंख से हवा करें.
7 भगवान शिव को कम से कम 11 बेल पत्र पर राहु और केतु लिखकर शनिवार के दिन अर्पण करने से भी काल सर्प दोष की शांति होती है.
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