पंचक में हैं ये कार्य वर्जित
ज्योतिष में उल्लेख मिलता है कि जब चन्द्रमा कुंभ और मीन राशि पर रहता है तब उस समय को पंचक कहते हैं। त्रेतायुग में
श्रीराम ने जब रावण को मारा था, उस समय
यही स्थितियां थीं। यानी घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच
नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उतरा भाद्रपद एवं रेवती) थे इन्हें पंचक कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है
कि रावण के मरने के बाद से ही पांच दिन का पंचक
माना जाता है।
कुछ विद्वानों ने इन नक्षत्रों को अशुभ माना है इसलिए इन दिनों में शुभ कार्य नहीं होते हैं।
पंचक में हैं ये कार्य वर्जित
पंचक में अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर उस कुटुंब में पांच मृत्यु और हो जाती है।
इन दिनों में चारपाई बनवाना भी अशुभ माना जाता है।
ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
रेवती नक्षत्र में घर की छत नहीं बनाना चाहिए, इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है।
घनिष्ठा नक्षत्र के समय घास, लकड़ी आदि ईंधन
जमा नहीं करनी चाहिए, इससे अग्नि का भय रहता है।
इन दिनों में दक्षिण दिशा में यात्रा नही करनी चाहिए
क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है।
19.2.15
पंचक में हैं ये कार्य वर्जित
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